SC Orders Single Shift NEET-PG 2025: मेडिकल स्टूडेंट्स को बड़ी राहत, एक ही शिफ्ट में होगी NEET-PG परीक्षा

SC Orders Single Shift NEET-PG 2025: NEET-PG 2025 परीक्षा को दो पालियों में कराने को लेकर महत्वपूर्ण फैसला दिया है। शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा को दो पालियों की बजाय एक ही पाली में आयोजित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने से अनियमितता पैदा होती है और यह सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान नहीं करता। जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। आइए, इस फैसले और इसके प्रभावों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने क्या क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE) को दिए आदेश में स्पष्ट किया कि दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने से न केवल अनियमितता बढ़ती है बल्कि यह सभी छात्रों को समान स्तर पर नहीं रखता। कोर्ट ने कहा, ‘दो अलग-अलग प्रश्नपत्रों का कठिनाई स्तर कभी भी एक समान नहीं हो सकता। इसमें हमेशा कुछ न कुछ अंतर रहता है।‘ आगे कोर्ट ने यह भी कहा कि दो पालियों में परीक्षा आयोजित करना उम्मीदवारों के संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार का उल्लंघन है।

NBE का तर्क खारिज
NBE ने कोर्ट में तर्क दिया कि देश में पर्याप्त परीक्षा केंद्र उपलब्ध नहीं हैं, जिसके कारण NEET-PG को दो पालियों में आयोजित करना पड़ता है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को सिरे से खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा, ‘परीक्षा पूरे देश में आयोजित की जा रही है न कि केवल एक शहर में। हम यह स्वीकार नहीं करते कि तकनीकी प्रगति के इस युग में NBE पूरे देश में एक पाली में परीक्षा आयोजित करने के लिए पर्याप्त केंद्र नहीं ढूंढ सकता।‘ कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि NEET-PG से अधिक परीक्षार्थी NEET-UG में हिस्सा लेते हैं लेकिन वहां पर एक ही पाली में आयोजित की जाती है।

नॉर्मलाइजेशन पर कोर्ट की टिप्पणी
NBE ने यह भी तर्क दिया कि दो पालियों के प्रश्नपत्रों के स्तर को समान करने के लिए नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाई जाती है। कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा, ‘नॉर्मलाइजेशन केवल असाधारण परिस्थितियों में लागू किया जा सकता है, न कि हर साल नियमित रूप से।‘ कोर्ट ने NBE को आदेश देते हुए कहा कि वह 15 जून 2025 को होने वाली NEET-PG 2025 परीक्षा को एक पाली में आयोजित करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करे और पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित करे।

याचिकाकर्ताओं की शिकायतें
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में कहा कि दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने से निष्पक्षता प्रभावित होती है। पिछले साल NEET-PG 2024 को भी दो पालियों में आयोजित किया गया था जिसके कारण कई विवाद हुए और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि दो पालियों के प्रश्नपत्रों का कठिनाई स्तर अलग-अलग होने के कारण कुछ उम्मीदवारों को अनुचित लाभ या नुकसान हो सकता है। कोर्ट ने इस बात पर सहमति जताई कि एक पाली में परीक्षा आयोजित करना सभी उम्मीदवारों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करेगा।

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कोर्ट का निर्देश और समय सीमा
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि NBE के पास अभी पर्याप्त समय है, जिसके भीतर वह एक पाली में परीक्षा आयोजित करने के लिए केंद्रों की व्यवस्था कर सकता है। कोर्ट ने NBE से यह भी कहा कि वह सुरक्षित और पारदर्शी केंद्रों का चयन करे। जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने इस मामले में याचिकाकर्ताओं की शिकायतों को गंभीरता से लिया और यह सुनिश्चित करने को कहा कि भविष्य में ऐसी अनियमितताएं न हों।

NEET-PG 2025 का महत्व
NEET-PG मेडिकल क्षेत्र में पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज में प्रवेश के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा है। इस परीक्षा के माध्यम से देश भर के मेडिकल कॉलेजों में एमडी, एमएस और अन्य पीजी कोर्सेज में दाखिला मिलता है। पिछले साल NEET-UG में हुई अनियमितताओं के बाद इस बार NEET-PG को लेकर पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग ज्यादा बढ़ गई है।

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